गोडाउन वायरिंग: सरल समझ और इंस्टॉलेशन गाइड
यह पोस्ट गोडाउन/लॉन्ग गलियारे जैसी जगहों के लिए सेक्शन-वाइज लाइट कंट्रोल वाली वायरिंग को सरल तरीके से समझाता है। नीचे दिए आरेख के आधार पर न्यूट्रल की कॉमन लाइन और प्रत्येक स्विच से स्विच्ड-फेज लेकर अलग-अलग बल्ब चलाए जाते हैं।
गोडाउन वायरिंग क्या है
गोडाउन वायरिंग में लंबवत चलती एक कॉमन न्यूट्रल/रिटर्न बस सभी लैम्प होल्डरों से जुड़ी रहती है, और प्रत्येक लैम्प को उसका अलग सिंगल-पोल स्विच से स्विच्ड फेज दिया जाता है। इससे जरूरत के सेक्शन की लाइट ही ऑन की जाती है और ऊर्जा की बचत होती है।
घटक और लेआउट
- सिंगल-पोल स्विच: हर लैम्प के लिए अलग नियंत्रण।
- कॉमन न्यूट्रल लाइन: सभी होल्डरों का साझा रिटर्न।
- स्विच्ड-फेज वायर: स्विच से निकलकर संबंधित लैम्प तक जाती है।
- कंड्यूट/जंक्शन बॉक्स: सुरक्षित जॉइंटिंग और रूटिंग के लिए।
वायरिंग स्टेप-बाय-स्टेप
- मुख्य सप्लाई से फेज पहले स्विच पैनल पर लाएँ।
- हर स्विच की आउटगोइंग को उसके लैम्प के एक टर्मिनल से जोड़ें।
- दूसरा टर्मिनल कॉमन न्यूट्रल बस से कनेक्ट करें, जो सभी लैम्पों के साथ नीचे तक जाती है।
- सभी जॉइंट्स में उचित इन्सुलेशन/लाइटिंग जंक्शन बॉक्स का उपयोग करें।
सुरक्षा और रेटिंग
- पूरे लाइटिंग फीड पर उपयुक्त रेटेड MCB और जहाँ संभव हो RCD/RCBO लगाएँ।
- कुल लोड (बल्ब वाटेज का योग) देखकर वायर साइज चुनें; प्रत्येक शाखा का करंट उसके लैम्प के अनुसार सीमित होगा।
बेहतर संचालन
- स्विचों को सेक्शन नंबर से लेबल करें।
- कम आवाजाही वाले सेक्शन में PIR मोशन सेंसर लगाकर ऑटो-ऑफ सक्षम करें।